तीसरे ग्लोबल फैशन एंड डिज़ाइन वीक का रंगारग समापन हुआ। इस अवसर पर कहा गया कि फैशन को आम आदमी के अनुकूल बनाने के लिए डिजाइनरों को अपनी रचनात्मकता के साथ आगे आना होगा। यह समय की मांग है। यही बात भवन निर्माण पर भी लागू होती है कि डिजाइनिंग के जरिये किस प्रकार एक छोटी जगह को रहने लायक बनाया जा सकता है और अपनी जरूरत की हर चीज़ को उस घर में सेट किया जा सकता है।
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श्रीकांत सिंह
नोएडा। जैसे जैसे शहरों का विकास हो रहा है और
आम आदमी की क्रय क्षमता बढ़ रही है, वैसे वैसे वैसे ही फैशन के प्रति लोगों का
रुझान बढ़ रहा है। इसलिए फैशन को आम आदमी के अनुकूल बनाने के लिए डिजाइनरों को
अपनी रचनात्मकता के साथ आगे आना होगा। यह समय की मांग है। यही बात भवन निर्माण पर
भी लागू होती है कि डिजाइनिंग के जरिये किस प्रकार एक छोटी जगह को रहने लायक बनाया
जा सकता है और अपनी जरूरत की हर चीज़ को उस घर में सेट किया जा सकता है।
इस आशय के विचार तीसरे ग्लोबल फैशन एंड
डिज़ाइन वीक के अंतिम दिन मारवाह स्टूडियो में आयोजित एक कार्यक्रम में व्यक्त किए
गए। इस अवसर पर के. एल. गंजु ने कहा कि फैशन डिज़ाइनर को हमेशा आम आदमी को दिमाग
में रखकर डिज़ाइन करना चाहिए, ताकि हर वर्ग का इंसान उसे खरीद कर पहन
सके। ज्यादातर देखा जाता है कि जिस डिज़ाइनर का नाम हो जाता है उसके वस्त्र एक
सीमित वर्ग के लोग पहनते हैं। कारण है उनकी कीमत। पायल कपूर ने कहा कि आजकल छोटे
छोटे पौधों को लगा कर आप अपने घर को खूबसूरत बना सकते हो।
इस अवसर पर कॉउंसल जनरल ऑफ़ द रिपब्लिक ऑफ़ यूनियन ऑफ़ द कोमोरोस के. एल. गंजु, सुप्रीम कोर्ट लॉयर अनूप बोस, आर्किटेक्ट डॉ. हरीश त्रिपाठी, मारवाह स्टूडियो के निदेशक संदीप मारवाह, इंटीरियर डिज़ाइनर पायल कपूर, डिज़ाइनर मनीष गुलाटी, आर्किटेक्ट नकुल वर्मा, पैजन्ट विनर किरण संगीता मुरली और जे. पी. सिंह की उपस्थिति से कार्यक्रम में चार चांद लग गए।
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मोहित मारवाह और अंतरा की धूम
फिल्म एक्टर मोहित मारवाह और अंतरा मारवाह मंच पर पहुंचे तो धूम मच गर्इ। सभी छात्रों ने उनका भव्य स्वागत किया और पूरा मारवाह स्टूडियो तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। मोहित मारवाह ने अतिथियों को सम्मानित किया और रैंप वाक भी किया। अंतरा ने कहा कि पहली बार मैं मारवाह स्टूडियो आयी हूं। सच में यहां आकर मुझे बहुत अच्छा लगा और यहां के स्टूडेंट का प्यार देखकर मुझे लगता है कि मुझे यहां बार बार आना चाहिए। कई क्लासिकल नृत्य व कई बॉलीवुड गानों पर छात्रों व मोहित के डांस ने माहौल को उत्साह से भर दिया।
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डॉ. हरीश त्रिपाठी ने कहा कि आज ज़िन्दगी 2बीएचके
-3बीएचके में सीमित कर रह गर्इ है। उसमें लोग वास्तु और डिज़ाइन को बहुत अहमियत
देने लगे हैं और आज हर इंसान को पता है कि उसकी क्या ज़रूरतें हैं। चाहे वो बच्चे
हों, बुज़ुर्ग हों या महिलाएं, सभी चाहते हैं कि उनका घर ऐसा हो जिसमें
हर ज़रूरत पूरी हो सके। किरण संगीता मुरली ने कहा कि अपने आपको प्रेजेंट करना आना
चाहिए और आपको अपने कम्फर्ट के हिसाब से अपने वस्त्र, फुटवियर और
मेकअप सेलेक्ट करना आना चाहिए जो आपको कॉन्फिडेंस दे।
इस अवसर पर संदीप मारवाह ने कहा, मुझे बच्चों की
मेहनत देखकर ख़ुशी हो रही है कि उन्होंने इतने अच्छे डिज़ाइन किए और सबसे अच्छी बात
यह है कि वे आज की पसंद को समझते हैं। इन तीन दिनों
में हमने बहुत कुछ सीखा और बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत है, क्योंकि सीखना
कभी ख़तम नहीं होना चाहिए। यही आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।