नोएडा में चरखा, चरखे की चर्चा

श्रीकांत सिंह। दोस्तों, स्वतंत्रता संग्राम के संदर्भ में महात्मा गांधी जितना चर्चित हुए, उनका चरखा उनसे कम चर्चित नहीं रहा। देश में जहां महापुरुषों की बड़ी मूर्तियां स्थापित की जा रही हैं तो महात्मा गांधी के संदर्भ में बड़े बड़े चरखे स्थापित किए जा रहे हैं। अब उसी चरखे की वजह से नोएडा भी चर्चा का विषय बन गया है।

नोएडा के सेक्टर 94 में एक ऐसा चरखा लगाया गया है, जो प्लास्टिक कचरे से तैयार किया गया है। इसका वजन 1250 किलोग्राम और यह 20 बाई 14 बाई 8 फुट के आकार का है। प्राधिकरण के मुताबिक यह चरखा महात्मा गांधी के स्वदेशी के सपने को दर्शाता है। इसका लोकार्पण महात्मा गांधी की जयंती की पूर्व संध्या पर डॉ. महेश शर्मा व विधायक पंकज सिंह करेंगे।

महाराष्ट्र के वर्धा स्थित सेवाग्राम की बात करें तो वहां भी एक इलेक्ट्रानिक चरखा स्थापित किया गया है। लकड़ी और धातु से बने इस चरखे का आकार 18.6 बाई 31 फुट और वजन पांच टन बताया गया है। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी एक इलेक्ट्रानिक चरखा स्थापित किया गया है। यह 6 फुट बाई 31 फुट का है और वजन है पांच टन। इससे पहले यहां 15 फुट बाई 27 फुट का लकड़ी से बना चरखा स्थापित किया गया था, जिसका वजन चार टन था।

खादी ग्रामाद्योग ने नई दिल्ली स्थित एनडीएमसी की पालिका पार्किंग के ऊपर पार्क में नौ मीटर लंबा और साढ़े तीन मीटर ऊंचा विशालकाय चरखा स्थापित किया है। यह स्टील से बना है। इसका वजन करीब पांच टन है और उस पर एक इंच मोटी खादी व सिल्क की रस्सी लगाई गई है। चरखे के पास बापू के तीन बंदर भी स्थापित किए गए हैं।