क्यों हरे रंग में रंगी भगवा भाजपा ?

चरण सिंह राजपूत

केरल में राहुल गांधी की रैली में हरे झंडे दिखाई देने पर कांग्रेस को पाकिस्तान से जोड़ने वाली भाजपा ने मुस्लिम वोटों के लिए भगवा चोले को उतारकर हरा रंग अपना लिया है। जम्मू कश्मीर में भजपा के झंडे और बैनर हरे रंग के दिखाई दे रहे हैं। भगवा रंग पर इतराने वाले भाजपाइयों ने सत्ता के लिए उस रंग को अपना लिया जिसका हवाला देकर वे लोगों के दिलों में नफरत का जहर घोलते हैं।

हरे रंग का विरोध करना भाजपा नेताओं की फितरत रही है। जिस दल के झंडे में हरा रंग आ गया भाजपा ने उसे मुसलमानों से जोड़ते हुए पाकिस्तान का हमदर्द बता दिया। हरे रंग की वजह से भाजपा ने समाजवादी पार्टी पर सबसे ज्यादा हमला बोला है। मुलायम सिंह को तो ये लोग मुल्ला मुलायम कहकर पुकारते रहे हैं। भले ही पीडीपी की सरकार को भाजपा ने समर्थन दिया हो पर हरे रंग की वजह से न केवल पीडीपी बल्कि एनसीपी को भी भाजपा नेता पाकिस्तान समर्थक बताते रहे हैं।

भाजपा सत्ता के लिए हरे रंग का इस्तेमाल करे। पत्रकार वैदिक को कुख्यात आतंकवादी हाफिज सईद के पास भेजे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलने बिना किसी कार्यक्रम के पहुंच जाएं। वह सब ठीक है। यदि किसी दूसरे दल के नेता ने कुछ बोल दिया तो वह देशद्रोही हो जाएगा। पुलवामा आतंकी हमले के बाद कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू ने जब पाक से बातचीत की बात कही तो वह गद्दार हो गए। देशद्रोही हो गए। और जब यही बात विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कही तो वह देशभक्त हो गईं।

मतलब साफ है भाजपा सत्ता के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार है। आज मुस्लिम कह दें कि यदि भाजपा नेता मस्जिदों में जाकर नवाज अदा करने लगें तो वे भाजपा को वोट देने के लिए तैयार हैं। भाजपा नेता एक मिनट नहीं लगाएंगे टोपी पहनने में और नमाज अदा करने में। भाजपा के तीन तलाक के मुद्दे में भी मुस्लिम महिलाओं के भले की सोच कम वोटबैंक की ज्यादा है।

ये सब बातें भाजपा के अंधभक्त लोगों की आंखें खोलने के लिए लिखनी जरूरी हैं। इन लोगों को देखना चाहिए। जिन लोगों को लेकर ये नेता समाज में जहर घोलने का काम कर रहे हैं। वोट के लिए ये नेता तो उन्हें गले लगा रहे हैं। उनका रंग उनकी संस्कृति अपना रहे हैं। मतलब ये नेता जाति धर्म के नाम पर लोगों को एक दूसरे का दुश्मन बना दे रहे हैं। जगह जगह अपने हिसाब से वोटों की फसल तैयार कर रहे हैं।

मतलब साफ है कि हिंदुओं के वोट के लिए हरे रंग का विरोध कर भगवा रंग को बढ़ावा देना है। मुस्लिम वोट के लिए भगवा रंग को पीछे कर हरे रंग को अपनाना है। क्योंकि जम्मू कश्मीर में भगवा रंग के वोट न के बराबर हैं। वहां मुस्लिम वोट हैं। मुस्लिमों का रंग हरा है तो भाजपा ने वहां हरा रंग अपना लिया। वोट के लिए ही तो हिन्दू राष्ट्र की बात करते हैं।

जैसे राम मंदिर, हिंदुत्व के नाम पर भगवा धारण कर हिंदुओं का वोट बटोरा है। ऐसे ही भजपा हरे रंग के नाम पर मुस्लिमों का वोट बटोरने की फिराक में हैं। भाजपा फारुख अब्दुल्ला के दो प्रधानमंत्री और मुफ़्ती महबूबा के 370 खत्म करने वाले बयान को तो बहुत तूल दे रही है पर अपने हरे रंग अपनाने पर कुछ नहीं बोल रही है।

जब भाजपा का जम्मू कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने का मुख्य एजेंडा है तो फिर वहां 370 हटाने के नाम पर वोट क्यों नहीं मांग रही है। जब उत्तर भारत में राम मंदिर और हिंदुत्व के नाम पर वोट मांगती है तो फिर जम्मू कश्मीर में क्यों नहीं। मतलब जैसा देश वैसा भेष। वहां हिंदुओं नहीं मुस्लिमों का वोट चाहिए। वैसे मुस्लिम देशों से नफरत करना सिखाएंगे और अवार्ड भी मुस्लिम देशों से लेंगे। भाजपा का चेहरा अब तो पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है। हां अभी भी भक्त संशय में हैं।